कलियुग की छाया में, एक नई कहानी,
परिवर्तनों की दुनिया, अव्यवस्था की जवानी।
धर्म की कमी, दुष्कर्मों की बरसात,
पर आशा की किरन, जलती रहे सदा।
तकनीकी उन्नति, एक दोहरी धार,
मनोबल्लिनि करे, हृदयों की पार।
भौतिक लालसाएँ, अधिक प्राथमिकता,
आध्यात्मिक अर्थ को, करे अशक्त करता।
फिर भी इस परीक्षण भरे युग में,
हम सब सही मार्ग पर चलेंगे।
दया की किरनें हमें प्रेरित करेंगी,
अंधकार को दूर भगाएंगी, रोशनी लाएंगी आवेशनी।
कलियुग के चुनौतियों को, हम पार करेंगे,
एकता की तलाश में, समय को सुधारेंगे।
प्रेम और ज्ञान के माध्यम से, हम आगे बढ़ेंगे,
सत्य के मार्ग में, इस युग में हम राह दिखाएंगे।

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