सब कुछ अधुरा

 समय के भवर में फस के रह गया हूँ ; खुद की तलाश में खुद  से बिछर गया हूँ , 

मंज़िल की तलाश में मैंने कई ख्वाहिशों  को  दफनाया है , जिससे नफरत थी उसे गले लगाया है