हरे कृष्णा।।


भविष्य के गर्व में क्या रखा ये तो स्वयं नारायण को नहीं पता था ; हम तो फिर भी मनुष्य है ।।

इसलिए भविष्य की चिन्ता न कर हमे वर्तमान पर ध्यान देना चाहिए;

वर्तमान में कर्मों का निर्वहन करें ।।

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