Shaukh ki umar mein sabr karna sikh gaya hu



 Shaukh ki umar mein
 Sabr Karna Sikh gya hu

Hasne ki umar mein
Rona sikh gya hu

Chahate to thi bahot
 kuch karne ki meri

Ab use dheere dheere 
Bhulna Sikh gya hu

Shaukh ki umar mein 
Sabr karna sikh gya hu
 


 

सब कुछ अधुरा

 समय के भवर में फस के रह गया हूँ ; खुद की तलाश में खुद  से बिछर गया हूँ , 

मंज़िल की तलाश में मैंने कई ख्वाहिशों  को  दफनाया है , जिससे नफरत थी उसे गले लगाया है 

हरे कृष्णा।।


भविष्य के गर्व में क्या रखा ये तो स्वयं नारायण को नहीं पता था ; हम तो फिर भी मनुष्य है ।।

इसलिए भविष्य की चिन्ता न कर हमे वर्तमान पर ध्यान देना चाहिए;

वर्तमान में कर्मों का निर्वहन करें ।।